पता नहीं सिनेमा देखने की आदत की शुरूआत यहीं से हुई या इसकी नींव कहीं और पड़ी लेकिन इतना जरूर था कि सिनेमा मेरे परिवार में कभी त्याजय नहीं था, सिनेमा देखने-सिनेमा पर बातें करने पर कभी किसी को आपति नहीं होती, शर्त यह कि सिनेमा देखने की स्वीकृति घर में ले ली जाय।